दो किनारें
हवा गुंज रही है ऐसे,
जैसे गुनगुना रही है कुछ पंक्तियाँ।
फैल रही है ऐसे,
जैसे कह रही है कुछ कहानियाँ।
किरणें उड़ रहे हैं ऐसे,
जैसे आखों ने किये हो इशारें।
इशारों पर नाचति हैं आखें,
जैसे लहरें भरी समुंदर के दो किनारें।
हवा गुंज रही है ऐसे,
जैसे गुनगुना रही है कुछ पंक्तियाँ।
फैल रही है ऐसे,
जैसे कह रही है कुछ कहानियाँ।
किरणें उड़ रहे हैं ऐसे,
जैसे आखों ने किये हो इशारें।
इशारों पर नाचति हैं आखें,
जैसे लहरें भरी समुंदर के दो किनारें।